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सीईएस जीन मोनेट चेयर

सीईएस जीन मोनेट चेयर

 

प्रो आर के जैन

प्रोफेसर राजेंद्र के. जैन भारत में मात्र जीन मॉनेट के अध्यक्ष का पद रखतें हैं।

जेएनयू जीन मॉनेट चेयर से फंड जीन मॉनेट व्याख्यान और सम्मेलनों के लिए वक्ता प्रदान करने हेतु और प्रकाशनों के लिए समर्थन प्रदान करने हेतु उपयोग किया जायेगा। इस अनुदान द्वारा समर्थित आगंतुक हैं यह विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए शिक्षण और परामर्श सत्र भी प्रदान करेगा ।यह भारत में यूरोपीय अध्ययन को आगे बढ़ाने के काम को और एक नई व्याख्यान श्रृंखला: जीन मॉनेट लेक्चर का भी समर्थन करता है|

सीईएस में विशेष जीन मॉनेट लेक्चर की सूची को देखें जिसको की जेएनयू जीन मॉनेट चेयर द्वारा समर्थन प्राप्त  है ।

जेएनयू जीन मॉनेट चेयर के प्रोफेसर राजेंद्र के. जैन के  द्वारा किये गए कार्यों एवं शोध का पूर्ण विवरण स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के होम पेज से प्राप्त किया जा सकता है।

सम्मेलन / सेमिनार

युवा शोधकर्ताओं की कार्यशाला, 29 फरवरी 2012

बदलते विश्व में भारत एवं यूरोपीय संघ, संगोष्ठी, 1-2 मार्च 2012

द यूरोपियन यूनियन एट द क्रोसरोअड्स, 11  सितंबर 2012

इंडिया, यूरोप एंड कोन्फ्लिक्ट रिजोल्यूशन इन साउथ एशिया, 27  फरवरी 2013

इंडिया, यूरोप एंड द इमरजिंग वर्ल्ड आर्डर, 28  फरवरी 2013

  जीन मॉनेट व्याख्यान

22 अगस्त 2012

यूरोपीयन  सोवेरेईग्न डेब्ट क्राइसिस : इमप्लिकेशन फ़ॉर एशिया

करीना जेडझेजोवस्का , अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध संस्थान, वारसा विश्वविद्यालय

11  अप्रैल 2012

इंडिया ,द  यूरोपीयन यूनियन एंड चेंजिंग वर्ल्ड ऑर्डर

टी.सी.ए. रंगाचारी, फ्रांस और जर्मनी में पूर्व राजदूत; निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन अकादमी, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली

28  मार्च 2012

द यूरोजोन क्राइसिस एंड द फ्यूचर आफ यूरोप जाइल्स मेरिट, फ्रेन्ड्स आफ यूरोप , ब्रुसेल्स

21  मार्च 2012

ई यु नीतियां एवम  निर्णय - यूरोपीय संघ के विदेश नीति के लिए

स्वीटील पावेल, परामर्श मंत्री, यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के उप प्रधान मंत्री

27  फेब्रुअरी 2012

द यूरोजोन क्राइसिस एंड द फ्यूचर आफ यूरोप , हार्टमुट एलसेनहंस, लीपज़िग विशवविद्यालय

15  फरवरी 2012

ग्लोब्लाईजेसन  एंड यूरोप :पर्सपेक्टिव फार द फ्यूचर

डॉ. एर्हार्ड बुसेक, ऑस्ट्रिया के पूर्व उप-कुलपति

16  नवम्बर 2011

इंडिया  एंड जर्मन यूनिफिकेशन : रिविलेशन फ्राम द जर्मन आरकाइवस अमित दास गुप्ता, जैकब्स विश्वविद्यालय, ब्रेमेन

 

17  अक्टूबर 2011  

यूरोप  एंड द राईज आफ एशिया, प्रमित पाल चौधरी, हिंदुस्तान टाइम्स के विदेश संपादक

देखें: http://blogs.hindustantimes.com/foreign-hand/2011/10/20/can-europe-and-india-ever-talk-about-the-world/

26  सितंबर 2011

नार्डिक्स और यूरोपीयन  इंटीग्रेशन: पर्स्पेक्सन एंड पर्सपेक्टिवस  

सीएजी सोडर्लंड, वरिष्ठ सलाहकार, नॉर्डिक सहयोग के लिए नॉर्डिक मंत्री (सेवानिवृत्त)

 

जेएनयू जीन मॉनेट चेयर द्वारा प्रकाशन

2013

"इंडिया एंड एशियाई रिजन्ल्जिम,”(भारत और एशियाई क्षेत्रीयवाद)," जेकब ज़ाजज़कोव्स्की, जीवनंता स्कॉटली और मनीष थापा (एडीएस), इंडिया :इमर्जिंग पावर इन इंटरनेशनल रिलेसंस  (भारत: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उभरती हुई शक्तियां), नई दिल्ली: रूटलेज, 2013 (आगामी)

2013

“अ स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप बिटवीन इंडिया एंड पोलैंड : पोटेंशियल एंड प्रोमिसेस,” इन इंडियन काउन्सिल आफ वर्ल्ड अफ्फेयर्स, ईडी.,इंडिया एंड पोलैंड, 2013 (आगामी)

2013

"पोर उना रिलायोजन रिवाइजियन एंट्री इंडिया व यूरोपा," पोलिटिका एक्स्टीरीअर (मैड्रिड), 151 , जनवरी 2013 . (स्पेनिश में)[फार अ रिन्यूड  रिलेसंसिप  बिटविन इंडिया एंड यूरोप] ,  ("भारत और यूरोप के बीच एक नया रिश्ते के लिए),"फारेन पोलिसी  (मैड्रिड), 151

2013

"भारत और यूरोपीय संघ-चीन संबंध," बदलते विश्व व्यवस्था में यूरोपीय संघ, जयराज अमीन (ईडीएस) (नई दिल्ली: कावेरी बुक सर्विस, 201३), पीपी. 1६8-180.

2012

"भारत में यूरोपीय संघ के सार्वजनिक व्यवहार और छवियां," इंडिया क्वाटर्ली, ६8 (४) अक्टूबर-दिसंबर 2012 , पीपी ३३1-३४3 (श्रेया पांडे के साथ)

2012

“इंडियन एलईटस एंड यूरोजोन सोवेरेईग्न डेब्ट क्राइसिस,” जेड.ई.आई इंटीग्रेशन आब्जर्वर,सितम्बर 2012 (श्रेया पाण्डेय के साथ )

2012

हाउ द वर्ल्ड व्युज यूरोप : राजेंद्र के. जैन ऑन इंडिया ,” यूरोपियन काउन्सिल ऑन फारेन रिलेशंस एट http://ecfr.eu/blog/entry/how_the_world_views_europe_rajendra_k_jain_on_india  [ 2४ मार्च 2012 ]

2012

"ईसीएफआर स्पेशल: इंडियाज व्यु आफ यूरोप ,” यूरोपियन काउन्सिल आफ फारेन रिलेशंस,एट http://ecfr.podhoster.com/index.php?pid=30518  [ 2४ मार्च 2012 ]

2011

"ग्लोबल इनसाइडर: जर्मनी-इंडियन रिलेशंस", वर्ल्ड पॉलिटिक्स रिव्यू, 21  जून 2011 . http://www.worldpoliticsreview.org/trend-lines/9233/global-insider-germany-india-relations

2011

“फ्राम आइडीयालिज्म टू प्रेग्मेटीज्म: इंडिया एंड एशियन रीजिनल इंटीग्रेशन,”जेपनीज जर्नल आफ पोलिटिकल साइंस, 12  (2), जुलाई 2011 , पीपी 21३-2३1.

2011

"भारत के साथ यूरोपीय संघ के संबंध," डेविड स्कॉट, एड, हैंडबुक ऑफ इंडिया इन्टरनेशनल रिलेशंस, लंदन: रूटलेज, 2011 , पीपी 22३-2३2.

2010

"द यूनियन ऑफ द आइज़ ऑफ इंडिया," एशिया यूरोप जर्नल, 8 (2), 2010, पीपी 1९३-200९ (श्रेया पांडे के साथ) Http://www.springerlink.com/content/v2161533g2n0242k/  पर

 

अध्यक्ष द्वारा व्याख्यान

10/2012

"यूरोपीय संघ एवं चीन और भारत का उदय," राजनीतिक और सामाजिक विज्ञान विभाग, पोम्पेयु फबरा यूनीवर्सिटी ,बार्सिलोना, 2६  अक्टूबर  2012

10/2012

"भारत और यूरोपीय संघ एक वैश्विक शक्ति," विधि संकाय, यूनिवर्सिडड ऑटोनोमा डी मैड्रिड, मैड्रिड, 2५  अक्टूबर 2012

10/2012

"यूरोपीय संघ और एशियाई शक्ति (चीन और भारत)," इंस्टिटुट रियल एल्कानो, नाश्ता बैठक, मैड्रिड, 2५  अक्टूबर 2012

10/2012

"यूरोपीय संघ एक वैश्विक शक्ति : भारतीय दृष्टिकोण एवं परिप्रेक्ष्य", कासा एशिया द्वारा आयोजित, मैड्रिड, 2५  अक्टूबर 2012

03/2012

"जर्मनी में जर्मन अर्थव्यवस्था और व्यापार का रुझान," यूनिग्लोब कॉलेज, काठमांडू, ३1  मार्च 2012

03/2012

"नीति-निर्माण एवं यूरोपीय संघ का कानूनी रूपरेखा," सिंबियोसिस लॉ स्कूल, पुणे, 10  मार्च 2012

03/2012

"यूरोपीय संधियों: रोम से लिस्बन संधि," सिंबायोसिस लॉ स्कूल, पुणे, 10  मार्च 2012

03/2012

" यूरोपीयन एकता की प्रकृति एवं विकास," सिम्बॉयसिस लॉ स्कूल, पुणे, ९  मार्च 2012

03/2012

"यूरोपीय संघ और सार्क," सिंबियोसिस लॉ स्कूल, पुणे, ९  मार्च 2012

10/2010

"यूरोपीय सुपर पवार को शामिल करना: भारत और यूरोपीय संघ", राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विभाग, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, पांडिचेरी, 1४  अक्टूबर 2010

10/2010

"यूरोपीय संघ और सार्क: भारतीय परिप्रेक्ष्य में ", राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विभाग, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, पांडिचेरी, 1४  अक्टूबर 2010

10/2010

"यूरोपीय संघ का विस्तार : ईईसी -6 से ईयू -27 से परे भारत के लिए निहितार्थ ", राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विभाग, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, पांडिचेरी, 13 अक्टूबर 2010

10/2010

2010  "यूरोपीय एकता की प्रकृति: यूरोपीय संघ का  विघटन ," राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विभाग, पांडिचेरी विश्वविद्यालय, पांडिचेरी, 13 अक्टूबर 2010

 

 

 

अध्यक्ष द्वारा सेमिनार में भागीदारी

10 / 2012

सहभागी, 2 बर्लिन विदेश नीति फोरम, कोअरबर स्टिचुंग और जर्मन विदेश कार्यालय, बर्लिन द्वारा 22-23 अक्टूबर 2012 को आयोजित किया गया।

10 / 2012

"द यूरोपियन यूनियन एंड कंफ्लिक्ट रिजोल्युशन इन साउथ एशिया ," डबलिन सिटी यूनिवार्सिटी फॉर इंटरनेशनल स्टडीज द्वारा अयोजित संगोष्टी में , डबलिन, 18 -1९  अक्टूबर 2012 " द चेंजिंग डैनामिक आफ कंफ्लिक्ट ऑफ़ साउथ एशिया .

09/2012

"यूरोपीय राजनीति का युरोझोन संकट", "यूरो क्राइसिस: इम्प्लीकेशन फॉर इंडिया" के सम्मेलन में  सेंटर फॉर युरोपियन स्टडीज, पांडिचेरी, 1४  सितंबर 2012  को आयोजित किया गया।

06/2012

"यूरोपीय संघ और दक्षिण एशिया: भारतीय दृष्टिकोण और परिप्रेक्ष्य," यूरोपीयन यूनियन स्टडीज एशोशिएशन - एशिया-पेसेफिक सम्मेलन में "ई.यु अननोन एशिया : न्यू होराइजन एंड न्यू बिग्निंग्स", सिंगापुर, ४-५  जून 2012

05/2012

"भारत और यूरोपीय संघ बारह शिखर सम्मेलन के बाद : चुनौतियां और संभावनाएं", "भारत और  यूरोपीय संघ का अंतर्राष्ट्रीय संबंध - नई चुनौतियां, पुरानी समस्याएं", सेंटर फार कन्टेम्पोरेरी इंडिया रिसर्च एंड स्टडीज, वारसा विशवविद्यालय,वारसा द्वारा आयोजित सम्मलेन मे , 01  जून 2012

05/2012

" इंडियन काउन्सिल आफ वर्ल्ड अफ्फेयर्स में भारत एक उभरती हुई शक्ति के रूप में- इंस्टिट्यूट आफ इन्टरनेशनल रिलेशंस, वारसॉ राउंड टेबल विश्वविद्यालय, वारसॉ, 18  मई 2012

05/2012

"अ स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप बिटवीन इंडिया एंड पोलैंड”,"थर्ड इंडियन काउन्सिल आफ वर्ल्ड अफ्फेयर्स – पोलिश इंस्टिट्यूट आफ इन्टर्नेशानल अफेयार्स डाइलाग्स ओन “इंडिया एंड पोलैंड” ; विसटास फ़ॉर फ्यूचर पार्टनरशिप, “वारसा, 17  मई 2012

05/2012

“यूरोपियन स्टडिज इन इंडिया”अट द यूरोपियन कमुनिटी स्टडिज एसोसिएशन-  विश्व सम्मेलन “ ऑन सिचुएशन एंड पर्सपेकटीइवस फ़ॉर यूरोपियन स्टडीज ,” युनिवेर्सिटेट इन्तार्नेशिनल डे केटालोनिया, बार्सिलोना, 10 – 12  मई 2012

03/2012

थिंक्स टैंक एंड पोलिसी-मेकिंग इन इंडिया “इन्टरनेस्नल सेमिनार ऑन”एजूकेसेशनलप पोलिसीइन इंडिया एंड पोलैंड– इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक पोलिसी  एंड डेवलपमेंट- नेपाल, काठमांडू, 2९  मार्च 2012  द्वारा आयोजित

03/2012

“कासा एशिया एंड इंडियन काउन्सिल आफ वर्ल्ड अफेयर द्वारा आयोजित”- “इंडिया एंड द एमर्जिंग यूरोपियन पोलिटिकल आर्डर”, शीर्षक नाम का लेखपत्र यूरोप एज अ ग्लोबल प्लेयर : व्यूज़ फ्राम आउटसाईड” सम्मलेन मे, नई दिल्ली, 21  मार्च 2012  

03/2012

“यूरोपियन यूनियन एज अ ग्लोबल एक्टर : इंडियन परसेप्शन,” पेपर प्रस्तुत किया गया “यूरोपे एज अ ग्लोबल प्लेयर : व्युज फ्राम आउटसाइड” शीर्षक सम्मलेन में | जिसका आयोजन इंस्टीटूट आफ इन्टर रिलेशंस, प्राग और यूरोपियन काउन्सिल ओन फोरेन रिलेशन एवं डिप्लोमेटिक एकेडमी आफ द एम.ऍफ़.ए आफ द चेज रिपब्लिक एवं कोनराड एदेनुओर फाउन्डेशन, चेज़ मिनिस्ट्री आफ फोरेन अफेयर्स के सहियोग से किया गया,प्राग 1४  मार्च 2012

03/2012

जेएनयू जीन मॉनेट चेयर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली द्वारा आयोजित “इंडिया एंड द यूरोपियन यूनियन इन अ चेंजिंग ; पर्सेप्शंस एंड पर्सपेक्टिव्स” शीर्षक पर आधारित सम्मलेन में "इंडिया-इ.यु स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप रिविसिटेड",पेपर प्रस्तुत किया गया, 1-2  मार्च 2012

02/2012

इंस्टिट्यूट आफ फोरेन पोलिसी स्टडीज, यूनिवर्सिटी आफ कलकाता ; सेंटर फार कन्टेम्पोरेरी इंडिया रिसर्च एंड स्टडीज, इंस्टिट्यूट आफ इन्टरनेशनल रिलेशंस, यूनिवर्सिटी आफ वारसा ; ग्लोबल कॉलेज इन्टरनेशनल, काथमांडू द्वारा आयोजित सम्मलेन  “एनालाईजिंग द राईज आफ इंडिया एंड चाइना : डोमेस्टिक, रीजिनल एंड ग्लोबल इम्प्लीकेशंस” पर आधारित “इंडिया एंड ई.यु चाइना रिलेशंस : पर्सेप्शंस, रिस्पोंसेस, लेसंस”,पेपर प्रस्तुत किया गया, 13-1४  फरवरी 2012

12/2011

सेंटर फार कन्टेम्पोरेरी इंडिया रिसर्च एंड स्टडीज, यूनिवर्सिटी आफ वारसा द्वारा आयोजित सम्मलेन “इंडिया इन इन्टरनेशनल रिलेशंस- रिजिनल एंड ग्लोबल डाइमेनशन”,पर आधारित “इंडियाज रोल इन एशियन रिजन्लिस्म” शीर्षक का पेपर प्रस्तुत किया गया, वारसा, 1६ -27  दिसंबर 2011

12/2011

सेंटर फार कन्टेम्पोरेरी इंडिया रिसर्च एंड स्टडीज, इंस्टिट्यूट आफ इन्टरनेशनल रिलेशंस, यूनिवर्सिटी आफ वारसा एंड पोलिश एम्बेसी, इंडिया इन्टरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली, द्वारा आयोजित सम्मलेन “इंडिया एंड द यूरोपियन यूनियन इन इंटरनेशनल रिलेशंस : यूरोपियन एंड इंडियन पर्सपेक्टिव्स”पर आधारित “पब्लिक एटीट्युडस एंड इमेजेस आफ द ई.यु इन इंडिया”, नामक पेपर प्रस्तुत किया गया, नई दिल्ली 7  दिसंबर 2011

11/2011

काइबर स्टिचुंग और जर्मन विदेश कार्यालय, बर्लिन द्वारा आयोजित पैनलिस्ट, "फ्रेन्ड्स आर स्ट्रेंजेर?द ब्रिक स्टेट्स एंड द न्यू कोरडीनेटेस आफ ग्लोबलाइजेशन” एट द  बर्लिन फारेन पोलिसी  फोरम आन पवार एंड रेस्पोंसिबिल्टी : द रोल आफ जर्मनी एंड यूरोपे इन अ न्यू वर्ल्ड आर्डर, 2९  नवम्बर 2011

11/2011

सेंटर फार कन्टेम्पोरेरी इंडिया रिसर्च एंड स्टडीज, वारसा एंड यूनीवर्सिटी आफ हैदरबाद, द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन “इंडिया : एमर्जिंग इकोनोमिक पावर—क्वेस्ट फार ई.यु  एंड वर्ल्ड इकोनोमिक आर्डर”, पर आधारित “इंडिया एंड एशियन रिजन्लिस्म”, नामक पेपर प्रस्तुत किया गया, हैदरबाद, ४  नवंबर 2011

09/2011

इंडियन काउन्सिल ऑफ़ वर्ल्ड अफेयर्स एंड द ई.यु इंस्टिट्यूट फ़ॉर सिक्योरिटी स्टडीज द्वारा “थर्ड ई.यु-इंडिया फोरम फ़ॉर एफेक्टिव मल्टीलेटरलिस्म”,नामक फोरम आयोजित किया गया, ४  नवंबर 2011

09/2011

सेंटर फ़ॉर यूरोपियन स्टडीज, इंडिया-ई.यु. स्टडीज सेंटर्स प्रोग्राम्स, एंड इंडियन काउन्सिल ऑफ़ सोशल साईन्स रिसर्च, नई दिल्ली, द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में  “द यूरोपियन यूनियन एंड द राईज ऑफ़ चाइना” नामक पेपर प्रस्तुत किया गया, नई दिल्ली, 22-23 सितंबर 2011

05/2011

यु.जी.सी, इंडिया इन्टरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली द्वारा अयोजित कार्यक्रम “लूकिंग बैक, लूकिंग अहेड: कन्वेंशन ओन यूनीवर्सिटी ग्रान्ट्स कमिशंस एरिया स्टडीज  प्रोग्राम्स”, कराया गया, नई दिल्ली,३1  मई – 1  जून 2011

04/2011

सेंटर फार कन्टेम्पोरेरी इंडिया रिसर्च एंड स्टडीज, इंस्टिट्यूट आफ इन्टरनेशनल रिलेशंस, यूनीवर्सिटी आफ वारसा, सेंटर फ़ॉर यूरोपियन स्टडीज, जे.एन.यु  एंड द इंडिया-ई.यु स्टडीज सेंटर प्रोग्राम, नई दिल्ली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन “इंडिया एंड दयूरोपियन यूनियन:पार्टनरस  इन द 21 स्ट सेंचुरी” आयोजित किया गया|न्यू दिल्ली अप्रैल 2011

 

04/2011

“फर्स्ट जीन मोंनेट chair इन इंडिया एंड इट्स विजन”  कार्यशाला “कापरेसन  एंड कोलाबोरेसन एमंग इयु स्टडी सेंटर्स इन फ्यूचर अंडर इंडिया –इ यु स्टडी सेंटर प्रोग्राम” जिसका आयोजन सेंटर फार यूरोपियन स्टडीज ,जे एन यु एव भारत –इयु स्टडीज सेंटर प्रोग्रामद्वारा किया गया |न्यू दिल्ली 18अप्रैल 2011

03/2011

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी "द सेंट्रल एंड ईस्टर्न यूरोप: द टू डिकड्स आफ्टर द कोल्ड वॉर" में  "यूरोपीयन यूनियन एंड ईस्टवर्र्ड इन्लारजमेंट" पर लेख प्रस्तुत किया गया , जिसका आयोजन सेंटर फॉर युरोपियन स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एव ईआईडीआईए-ईयू स्टडीज सेंटर प्रोग्राम द्वारा आयोजित हुआ| न्यू दिल्ली  1४ -1५  मार्च 2011

01/2011

"जीन मॉनेट चेयर" के अंतर्गत  कार्यशाला “एरिया स्टडीज सेंटर “पर लेख प्रस्तुत किया गया|

जिसका आयोजन"भारत-यूरोपीय संघ अध्ययन केन्द्र और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, ताज एंबेसडर होटल, नई दिल्ली, 17 -18  जनवरी 2011  किया गया|

11/2010

"यूरोपियन इन्ग्गेज्मेंट इन अफगानिस्तान” संगोष्ठी में “द यूरोपियन यूनियन एंड अफगानिस्तान एंड ,एंड ईयु_पाक रिलेशनस सिंस ९ /11 ” पर लेख प्रस्तुत किया गया जिसका आयुजन  यूनियन  यूरोपीय अध्ययन और भारत-ईयू अध्ययन केंद्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली,द्वारा किया गया|  22 - 23 नवंबर 2010

11/2010

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी “द आडिआज आफ रिजनालिजम इन एशिया में "क्षेत्रवाद के भारतीय विचार”  पर पेपर प्रस्तुत किया गया जिसका आयोजन  स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पॉलिटिकल स्टडीज एव डेकिन विश्वविद्यालय, द्वारा किया गया| मेलबोर्न, 11 -12  नवंबर 2010

11/2010

वोक्सवैगन फाउंडेशन, हनोवर, 3 नवम्बर 2010  द्वारा आयोजित "अवर कॉमन फ्यूचर", वोक्सवैगन

10/2010  

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी “यूरोपियन इन्टीग्रेसन एंड रिजनालिजम  इन एशिया एंड अफ्रीका” में   "एशिया में क्षेत्रीय एकीकरण और भारत की भूमिका",शीर्षक पर लेख प्रस्तुत किया गया| जिसका आयोजन  डिपार्टमेंट आफ पोलिटिकल साइंस एंड रिसर्च यूनिट आफ यूरो-अफ्रीकन रिलेशन्स, प्रिटोरिया विश्वविद्यालय, द्वारा किया गया | साउथ अफ्रीका 2९-३0  अक्टूबर 2010

10/2010  

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "समकालीन भारत-यूरोपीय संघ के अध्ययनों के अनावरण“में “यूरोपीय संघ के विदेश नीति और बहुपक्षीय कूटनीति "शिर्षक पर लेख प्रस्तुत किया गया |जिसका आयोजन मणिपाल सेंटर फॉर यूरोपीय स्टडीज " द्वारा किया गया| मणिपाल, 22  अक्टूबर 2010

10/2010  

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “यूरोपियन यूनियन इन  चेंजिग इनटरर्नेसनल आर्डर :इशुज एंड कंसर्न"में इंडिया एंड द यूरोपियन यूनियन:इसुज एंड  ट्रेंड्स,” शीर्षक पर लेख प्रस्तुत किया गया |जिसका आयोजन डिपार्टमेंट आफ पोलिटिकल साइंस , मैंगलोर विश्वविद्यालय और इंडिया- इ यु स्टडीज सेंटर  प्रोग्राम मैंगलोर द्वारा किया गया| मैंगलोर , 20-21 अक्टूबर 2010

10/2010  

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “यूरोपियन कामन फारेन एंड सेक्युरिटी पोलिसी :इम्प्लिकेसंस फार इंडिया”में    “द यरोपियन यूनियन एंड इमरजिंग एशियन  पॉवरस (चाइना एंड इंडिया)”शिर्षक पर लेख प्रस्तुत किया गया |जिसका आयोजन डिपार्टमेंट आफ पॉलिटिक्स एंड इंटरनेसनल रिलेसंस,पोंडिचेरी विश्वविद्यालय एवं इंडिया- इ यु स्टडीज सेंटर  प्रोग्राम, पोंडिचेरी, द्वारा किया गया| पांडिचेरी, 11 -12  अक्टूबर 2010

 

 

A warm welcome to the modified and updated website of the Centre for East Asian Studies. The East Asian region has been at the forefront of several path-breaking changes since 1970s beginning with the redefining the development architecture with its State-led development model besides emerging as a major region in the global politics and a key hub of the sophisticated technologies. The Centre is one of the thirteen Centres of the School of International Studies, Jawaharlal Nehru University, New Delhi that provides a holistic understanding of the region.

Initially, established as a Centre for Chinese and Japanese Studies, it subsequently grew to include Korean Studies as well. At present there are eight faculty members in the Centre. Several distinguished faculty who have now retired include the late Prof. Gargi Dutt, Prof. P.A.N. Murthy, Prof. G.P. Deshpande, Dr. Nranarayan Das, Prof. R.R. Krishnan and Prof. K.V. Kesavan. Besides, Dr. Madhu Bhalla served at the Centre in Chinese Studies Programme during 1994-2006. In addition, Ms. Kamlesh Jain and Dr. M. M. Kunju served the Centre as the Documentation Officers in Chinese and Japanese Studies respectively.

The academic curriculum covers both modern and contemporary facets of East Asia as each scholar specializes in an area of his/her interest in the region. The integrated course involves two semesters of classes at the M. Phil programme and a dissertation for the M. Phil and a thesis for Ph. D programme respectively. The central objective is to impart an interdisciplinary knowledge and understanding of history, foreign policy, government and politics, society and culture and political economy of the respective areas. Students can explore new and emerging themes such as East Asian regionalism, the evolving East Asian Community, the rise of China, resurgence of Japan and the prospects for reunification of the Korean peninsula. Additionally, the Centre lays great emphasis on the building of language skills. The background of scholars includes mostly from the social science disciplines; History, Political Science, Economics, Sociology, International Relations and language.

Several students of the centre have been recipients of prestigious research fellowships awarded by Japan Foundation, Mombusho (Ministry of Education, Government of Japan), Saburo Okita Memorial Fellowship, Nippon Foundation, Korea Foundation, Nehru Memorial Fellowship, and Fellowship from the Chinese and Taiwanese Governments. Besides, students from Japan receive fellowship from the Indian Council of Cultural Relations.