फ्रेंच और फ्रंकोफोन अध्ययन (सीएफएफएस) का केंद्र
फ्रेंच और फ्रंकोफोन अध्ययन के लिए केंद्र बनाने वाला जेएनयू देश का पहला महाविद्यालय है| केंद्र के नये नामकरण में महत्वपूर्ण अकादमिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध है| फ्रंकोफोन (फ्रेंच बोलने वाले) देशों पर फ्रेंच भाषा में होने वाली शिक्षण और अनुसन्धान केंद्र के शिक्षाविदों को लाभ देगा, केंद्र और जेएनयू के विद्यालय के दूसरे केन्द्रों के साथ साथ भारत और विदेशों के दूसरे महाविद्यालय और संस्थानों में अन्तःविषय और बहुआयामी अनुसंधान की सुविधा प्रदान करनी चाहिए| इस तरह से, फ्रंकोफोन केंद्र आखिरकार अमीर संसाधन और प्रलेखन केंद्र जो संस्थानों और व्यक्तियों के लिए सुलभ बन जायेगा|
अत्यधिक ध्रुवीकृत दुनिया में भारत को फ्रंकोफोन आन्दोलन में बहुत महत्व जोड़ना पड़ेगा जिसमे 46 देश और सरकारों को साथ लाना, जो नवम्बर 1997, हनोई(वियतनाम) में हुई VIII फ्रंकोफोन सम्मिट में विदित था| इसलिए, इस केंद्र में किये गये अध्ययन सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक और इन देशो की राजनीतिक वास्तविकता जो आसानी से प्रथक अंग्रेजी अनुवाद और सीमित एंग्लो-सक्सोन दृष्टिकोण में परिलक्षित नहीं होता है, के लिए ज़रूरी समग्र, गहरा और ज्यादा प्रमाणिक समझ का मुख्य योगदान है|.
इन उद्दात उम्मीदों के अनुसार नामकरण फ्रेंच और फ्रंकोफोन अध्ययन केंद्र के लिए चुनौती है|