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महिलाओं के अध्ययन के लिए केंद्र

महिला अध्ययन का केंद्र, जेएनयू, बहुविषयक तथा तुलनात्मक सरंचना में लिंग के प्रश्नों का अध्ययन करने का प्रयास करता है, जिसके फलस्वरूप उन नारीवादी शिक्षाविदों, छात्र/छात्राओं, कार्यकर्ताओं और कलाकारों का एक जीवंत समुदाय बनाने के लिए स्थान प्रदान करता है जो, समाज में लिंग, लैंगिकता तथा शक्ति के व्यापक मुद्दों के साथ संबंधित हैं। भारत में महिला अध्ययन, महिला तथा लोकतांत्रिक संघर्षों के रूप में, विभिन्न ताकतों के संयोजक से तथा साथ ही राज्यों की पहल से, जिसने देश में महिलाओं की स्थिति की गहराई से समीक्षा की है, से उभरा है। पिछले तीन दशक, शिक्षा के भीतर इन प्रवृत्तियों के प्रभाव के गवाह रहे हैं, जो विभिन्न विषयों में, विशेष रूप से सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी में, नारीवादी शोध को तोड़ते हुए अग्रणी रहे हैं। देश भर में, विभिन्न विश्वविद्यालयों (और कुछ स्वतंत्र शोध संस्थान) में महिला अध्ययन केन्द्रों/कार्यक्रमों के विकास ने पिछले कई वर्षों से, उन मुद्दों का स्वीकार्य प्रदर्शन किया है जिन्हें, महिला आंदोलन तथा नारीवादी शोध द्वारा प्रकाशित किया गया है।

इतिहास:: इतिहास: केंद्र 2002 में स्थापित किया गया था जब प्रो. जोया हसन तथा अन्य के साथ, प्रो. उत्सा पाठक, उस समय की अध्यक्ष, ने सामाजिक विज्ञान विद्यालय में यूजीसी के निधिबंधन के साथ महिला अध्ययन केंद्र (डब्ल्यूएसपी) की स्थापना की थी। कार्यक्रम, सामाजिक विज्ञान विद्यालय का एक अभिन्न अंग में, शिक्षण तथा शोध दोनों में, महिलाओं तथा लिंग संबंधित प्रश्नों से सामना करने हेतु विशिष्ट स्थान की कल्पना की गयी थी। संकाय के सदस्यों के अलावा, डब्ल्यूएसपी ने 2013 तक, कार्यक्रम के सम्पूर्ण संचालन को सुचारू रूप से चलाने हेतु, विद्यालय के एक प्रोफेसर को आवृति आधार पर, इसके निर्देशक के रूप में नियुक्त किया था। प्रोफेसर जोया हसन (सीपीएस), जयति घोष (सीईएसपी), तनिका सरकार (सीएचएस), मैत्रयी चौधरी (सीएसएसएस), सरस्वती राजू (सीएसआरडी), तथा कुमकुम रॉय (सीएचएस), ये सभी कार्यक्रम के साथ इसके निर्देशक के रूप में संबंधित रहीं हैं तथा इसे एक विशिष्ट, बहुविषयक चरित्र प्रदान करने में मदद की है। 2013 में, जब डब्ल्यूएसपी सामाजिक विद्यालय का एक पूर्ण केंद्र बन गया, प्रो. शेफाली झा (सीपीएस) इसकी पहली सभापति/अध्यक्ष के रूप में नियुक्त की गयीं। सीडब्ल्यूएस में वर्तमान में तीन संकाय सदस्य हैं तथा वह विस्तार की प्रक्रिया में हैं। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें ....