जांच एवं अंक प्रणाली
जेएनयु एक सेमेस्टर प्रणाली का पालन करता है। हर कोर्स एक सेमेस्टर की अवधि का होता है और इसके आपको एक निर्धारित संख्या में अंक मिलते हैं। एमसीए छह सेमेस्टर का कार्यक्रम है जहां एक विद्यार्थी को कुल मिलाकर 108 अंक अर्जित करने होते हैं, जिनमें से 100 अंक कोर्स कार्यों के लिए तथा 8 अंक छठवें सेमेस्टर के परियोजना कार्य के लिए दिए जाते हैं। कोर्स का कार्य पांच सेमेस्टर में किया जाता है, जहां हर विद्यार्थी को हर सेमेस्टर में पांच विषयों (अनिवाय एवं वैकल्पिक) का अध्ययन करना पड़ता है। एमसीए का हर कोर्स 4 अंकों का होता है। दूसरी तरफ एमटेक चार सेमेस्टर का कार्यक्रम होता है जहां एक विद्यार्थी को कुल मिलाकर 50 अंक अर्जित करने होते हैं, जिसमें से न्यूनतम 30 अंक कोर्स कार्य, 5 अंक सेमिनार एवं 15 अंक व्याख्यान कार्य के लिए होते हैं। एमटेक का हर कोर्स 3 अंकों का होता है।
विश्वविद्यालय सेमेस्टर के दौरान कोर्स में विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन की जांच करने के लिए 1 अंकों के अक्षर आंकलन मानक का पालन करता है। सेमेस्टर के हर कोर्स में मिले अंक का प्रयोग सेमेस्टर ग्रेड पॉइंट एवरेज (एसजीपीए) का आंकलन करने के लिए किया जाता है। एसजीपीए का प्रयोग करके क्युमुलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज (सीजीपीए) का आंकलन उस सेमेस्टर तक एवं उसे शामिल करके किया जाता है जिसके लिए इसकी ज़रुरत होती है। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद विद्यार्थी को फाइनल ग्रेड पॉइंट एवरेज (एफजीपीए) प्रदान किया जाता है, जो कोर्सों में एक विद्यार्थी की अंतिम तालिका होती है। इस प्रणाली का उद्देश्य हर कोर्स में एक विद्यार्थी के प्रदर्शन का आंकलन करना है।
विद्यार्थी का प्रदर्शन सेमेस्टर की सम्पूर्ण अवधि में निरंतर आंकलित होता रहता है। सेमेस्टर के आखिर की परीक्षा के अलावा विद्यार्थी का आंकलन कक्षा में उसके रोज़ाना के प्रदर्शन, गृहकार्य, छोटे मोटे परीक्षण, प्रस्तुति, इकाई परीक्षाओं एवं परियोजना कार्यों से किया जाता है।