प्रयोगशालाओं में किये जा रहे प्रयोग प्राकृतिक घटनाओं की समझ के लिए काफी आवश्यक हैं, एवं भौतिक विज्ञान में शोध एवं प्रशिक्षण का अहम अंग हैं। प्रायोगिक गतिविधियों का संतुलित विकास एवं प्रभावी सैद्धांतिक समझ हमारे कार्यक्रमों का मुख्य पक्ष है।
एसपीएस में स्थित वस्तु प्रयोगशाला ने चुम्बकीय अलॉय के निर्माण तथा कमरे के तापमान एवं इससे काफी नीचे उनके स्वभाव (प्रतिरोधकता, थर्मोपावर, चुम्बकीय संवेदनशीलता आदि) के अध्ययन का दायित्व लिया है। इसके लिए उन्होंने क्लोज्ड साइकिल हीलियम रेफ्रीजिरेटर तथा एक २-टेस्ला चुम्बक का प्रयोग किया है। एक सुनिश्चित किफायती वाइब्रेटिंग सैंपल मैग्नेटोमीटर का प्रयोगशाला में निर्माण किया गया है। एक मोसबेर संरचना कठोर अवस्था में लैटिस एवं हाइपरफाइन सम्बन्ध का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करवाती है। पास में ही मौजूद इंट्रा यूनिवर्सिटी एक्सीलेरेटर सेंटर (जिसका नाम पहले न्युक्लेअर साइंस सेंटर था), नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी तथा सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटरी की सुविधाओं का प्रयोग करके कठोर तत्वों एवं सतहों के साथ आयन बीम सम्बन्ध के बेहतरीन क्षेत्र, विद्युत् ऊर्जा शिथिलीकरण प्रक्रियाएं तथा एटॉमिक मोशन का अध्ययन किया जाता है। सेमीकंडक्टर भौतिकी प्रयोगशाला में तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण वाइड बैंड गैप अजैविक एवं जैविक सेमीकंडक्टरों की ऑप्टिकल एवं परिवहन प्रकृति का अध्ययन किया जाता है। इसके साथ फोटो संदीप्ति एवं विभिन्न विद्युत् स्पेक्टरोस्कोपिक तकनीकों का प्रयोग करके सेमीकंडक्टर उपकरण, क्वांटम डॉट्स एवं हेटेरो संरचना का भी अध्ययन किया जाता है। प्रयोगशाला साफ़ कमरे एवं पतली फिल्मों के निर्माण के लिए वैक्यूम कोटिंग इकाई से लैस है। नॉन लीनियर एवं क्वांटम ऑप्टिक्स के क्षेत्र में उपलब्ध प्रायोगिक सुविधाओं में उच्च क्षमता का लेज़र; अकाउस्टो ऑप्टिक मोडुलेटर एवं संवेदनशील फोटोन डिटेक्शन प्रणाली;एक स्वचालित डिजिटल स्टोरेज ऑसिलोस्कोप;एवं वाइब्रेशन आइसोलेटेड ऑप्टिकल टेबल प्रमुख हैं। हाल में ही अधिकृत एक स्कैनिंग प्रोब माइक्रोस्कोप भौगोलिक स्थिति तथा एटॉमिक स्तर पर वस्तुओं की विद्युत स्थिति का विवरण प्रदान करता है।
एसपीएस का एक मुख्य उद्देश्य शोध कार्यों को भौतिकी एवं रसायन विज्ञान के क्षेत्रों में केंद्रित करना है। विद्यालय में रुचि जगाने वाले मुख्य विषयों में बायो पॉलीमर्स का भौतिक चरित्र चित्रण, कोलोइडल एवं मिसेल घटनाएं, सोल जेल एवं कांच परिवर्तन का गति विज्ञान, माइक्रो इमल्शन एवं अन्य गूढ़ द्रव्यों का अध्ययन शामिल है। शोध प्रयोगशालाएं वर्तमान में डायोड पम्प्ड सॉलिड स्टेट लेज़र (एनडी:याग), पिएजो विद्युत चालित मल्टी पास फैबरी पेरोट इंटरफेरोमीटर, डिजिटल कोरिलेटर, डिजिटल स्कैनिंग कैलोरीमीटर एवं ज़रूरी साजोसामान के साथ एक डीइलेक्ट्रिक रिलैक्सेशन यंत्र से युक्त हैं। हलके रूप से घनीभूत किये तत्व के समूह का भाभा एटॉमिक शोध केंद्र, मुम्बई के साथ घनी सहकार्यता है एवं ये वहाँ छोटे कोण वाले न्यूट्रॉन तथा एक्सरे स्कैटरिंग सुविधाओं का प्रयोग करते हैं। इसके अलावा, नैनो आधारित बायो सेंसर का निर्माण करने के लिए डीयु एवं एनआईआई के साथ कार्यशील सहभागिता शोध कार्यक्रम भी मौजूद है। विद्यालय ने गूढ़ द्रव्यों में शिथिलीकरण का अध्ययन करने के लिए उच्च रेसोलुशन का रियोमीटर खरीदा है। उन्होंने एक उच्च प्रिसिशन ज़ेटा पोटेंशियल उपकरण भी खरीदा है।
एसपीएस में जुलाई २००५ से क्रायोजेन मुक्त सुपरकंडक्टिंग चुम्बक एवं परिवर्तनशील तापमान इन्सर्ट लगा हुआ है। यह डीएसटी के फिस्ट कार्यक्रम से प्राप्त धनराशि से लगाया गया है। यह प्रणाली सफलतापूर्वक १.६ के से ३०० के तक के तापमान में काम करती है एवं ८टी तक चुम्बकीय क्षेत्र का उत्पादन करती है। वस्तु के चरित्र चित्रण की कई तकनीकें जैसे प्रतिरोधकता, हॉल प्रभाव, मैग्नेटो प्रतिरोध एवं आरएफ पेनेट्रेशन डेप्थ इस प्रणाली में सन्निहित है। यह इन्टरफ़ेसिंग सॉफ्टवेयर एवं ऑटोमेशन जेएनयु में विकसित किये गए हैं। इस न्यूनतम तापमान - उच्च चुम्बकीय क्षेत्र की सुविधा का प्रयोग करके सुपरकंडक्टर, मैंगेनाइट एवं अन्य मिश्रित चुम्बकीय सेमीकंडक्टरों का अध्ययन किया जाता है।
एसपीएस में फिस्ट द्वारा जुटाई गयी धनराशि से एक रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पटरिंग प्रणाली लगाई गयी है। यह प्रणाली हिंदीवक प्राइवेट लिमिटेड, बैंगलोर द्वारा एकीकृत की गयी है। आरएफ स्पटरिंग प्रणाली में टर्बो मॉलिक्यूलर पंप एवं आरएफ पावर सप्लाई बाहर से मंगवाकर लगवाई गयी है। ५० से २०० एनएम की धातु (सीयु एवं एएल) तथाऑक्साइड्स (जेडएनओ एवं एसआईओ२) युक्त थिन फिल्मों का निर्माण किया गया है।
विद्यालय की प्रायोगिक सुविधाओं का प्रयोग अन्य विश्वविद्यालयों एवं संस्थाओं के वैज्ञानिकों द्वारा भी किया गया है। उदाहरणस्वरुप, लेज़र लाइट स्कैटरिंग सुविधा का प्रयोग एमएस विश्वविद्यालय, बरोदा, जीएनडी विश्वविद्यालय, अमृतसर, दिल्ली विश्वविद्यालय, दक्षिणी कैंपस, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इम्मयूनोलॉजी, नयी दिल्ली तथा आईयुसी - डीएइ, मुम्बई द्वारा किया गया है। एपीएम सुविधा का प्रयोग एसएसपीएल, दिल्ली, आईआईटी, दिल्ली, इंट्रा यूनिवर्सिटी एक्सेलरेटर सेंटर, नयी दिल्ली एवं दिल्ली विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली द्वारा किया गया है।
कंप्यूटरीकृत सुविधाएं :
पिछले कुछ समय में भौतिकी एवं रसायनशास्त्र के विकास में भौतिक समस्याओं की कंप्यूटरी बनावट ने, खासकर नॉन लीनियर क्षेत्रों एवं स्वतंत्रा के कई खण्डों के सन्दर्भ में, काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब इसने अपनी कंप्यूटर सुविधाओं को एक बेहतरीन चरण तक पहुंचा दिया है। इसके पास भारी कंप्यूटिंग के लिए कई उच्च क्षमता वाले वर्कस्टेशन (सिलिकॉन ग्राफ़िक्स मशीन, कॉम्पैक एक्सपी १००० एवं सन अल्ट्रा ६०एस) उपलब्ध हैं।