सीएसडीइ की एक ख़ास विशेषता यह है कि यह स्कूल ऑफ़ सोशल साइंस की सहभागिता में शोध के लिए स्थान प्रदान करती है । विद्यालय की फैकल्टी ने शोध परियोजनाओं को पूरा करने का दायित्व लिया है । इससे शोध से जुड़े दस्तावेजों का काफी विकास हुआ है जो बहुविषयक दृष्टिकोणों से प्रेरित है । अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों पर ध्यान केन्द्रित करके काफी मात्रा में शोध परियोजनाएं शुरू की गयी हैं जिनकी विषयवस्तु मजदूर बाज़ार भेदभाव, घरों का पृथकीकरण, माँ एवं बच्चे की देखभाल में भेदभाव, गरीबी, शहरी गरीबी एवं नस्लीय पक्षपात, बस्तीकरण, अल्पसंख्यक समुदायों का पार्श्विकरण एवं आदिवासियों का सामजिक आर्थिक बदलाव आदि होती है । परियोजना रिपोर्ट के आधार पर दो कार्यशील पेपरों का प्रकाशन हुआ है: (ए) कास्ट एंड कम्युनिटी बेस्ड लेबर मार्किट डिस्क्रिमिनेशन: ए पायलट स्टडी इन नॉएडा एवं (बी) मैपिंग द सोसिओ इकनोमिक स्टेटस ऑफ़ इंडियन मुस्लिम्स: ए फैक्चुअल एनालिसिस।
प्रकाशन सीएसडीई
लाइब्रेरी और प्रलेखन केंद्र
केंद्र ने एक विशाल पुस्तकालय प्रदान किया है जिसमें भेदभाव तथा पार्श्विकरण के मुद्दे पर एक हज़ार से अधिक पुस्तकों का संकलन है । केंद्र ने अनूसूचित जातियों, जनजातियों एवं अल्पसंख्यकों की सामजिक आर्थिक स्थिति का एक डेटाबेस तैयार किया है । सेन्सस के आंकड़ों की कई सीडी खरीदी गयी है एवं शोधकर्ताओं के प्रयोग के लिए भण्डारगृह में रखवा दी गयी है । एक टिप्पणीयुक्त ग्रन्थ सूची की रचना केंद्र द्वारा भेदभाव एवं पार्श्विकरण के विभिन्न अंगों पर शोधकर्ताओं के प्रयोग के लिए की गयी है।