क्षेत्र III इस क्षेत्र के अंतर्गत पर्यावरण प्रदूषण, उनका जैविक वातावरण पर प्रभाव तथा ताज़े पानी एवं गीलीभूमि की पारिस्थितिकी से जुड़े अध्ययन शामिल हैं. जल प्रदूषण की जांच एवं अवलोकन, खासकर नदी, जलाशय एवं छिछली पानी के स्त्रोतों में नाले, कीटनाशक एवं औद्योगिक कचड़े से हुए प्रदूषण की जांच बारीकी से की गयी है . जलीय पारिस्थितिकी पर गंभीर अध्ययन,जिनमें विभिन्न प्रकार की जलभूमि शामिल है, में जलभूमि की वनस्पति, बेन्थोस एवं प्लैंकटन की पारिस्थितिकी शामिल है एवं जलभूमि प्रबंधन पर इनका प्रभाव भी जुड़ा हुआ है . भारी धातुओं, रासायनिक तत्वों एवं पीएएच का जलीय वातावरण में वितरण का भी इनके पौधों एवं जानवरों पर प्रभाव में काफी महत्त्व है . इस क्षेत्र की अन्य मुख्य समस्याओं में विभिन्न प्रकार के कूड़ों के भूमि पर फेंकने के चरित्र एवं इनका पौधों पर प्रभाव तथा मल प्रबंधन मुख्य है. वर्तमान समय में उपजीविकाजन्य अनावरण का आंकलन करने के लिए अंदरूनी एवं बाहरी वायु प्रदूषण की जांच पर भी सहमति बन रही है .
क्षेत्र III संकाय
प्रोफेसर पी एस खिल्लारे
प्रोफेसर उमेश कुलश्रेष्ठ
प्रोफेसर दिनेश मोहन
डॉक्टर जयंत कुमार त्रिपाठी
डॉक्टर सुदेश यादव